न्यूट्रिशन एक्सपर्ट प्रियतमा श्रीवास्तव का कहना है कि एक प्रेग्नेंट महिला को हर डेढ़ घंटे में कुछ ना कुछ खाते-पीते रहना चाहिए।
प्रेगनेंसी से पहले आप भले ही अपनी डाइट को लेकर बहुत जागरूक न हों लेकिन एक बार प्रेगनेंसी कंसीव करने के बाद हर गर्भवती को अपनी डाइट को लेकर सीरियस हो जाना चाहिए। ये कहना है न्यूट्रिशन एक्सपर्ट प्रियतमा श्रीवास्तव का। प्रियतमा कई सालों से महिलाओं को विशेष डाइट सजेस्ट करती आ रही हैं। प्रियतमा कहती हैं कि प्रेग्नेंट महिला को सुबह से लेकर रात तक प्रॉपर डाइट फॉलो करनी चाहिए। आजकल कई महिलाएं इसके लिए डायटीशियन या न्यूट्रिशनिस्ट की सलाह लेती हैं लेकिन अगर आपको यह पता चल जाए कि खाने में किन-किन चीजों की जरूरत होती है तो हर गर्भवती अपनी डाइट का ख्याल खुद रख सकती है। इसके लिए 24 घंटे एक्सपर्ट की जरूरत नहीं पड़ेगी।
हरियाणा में बीते कई वर्षों से प्रैक्टिस कर रही न्यूट्रिशन एक्सपर्ट प्रियतमा श्रीवास्तव का कहना है कि एक प्रेग्नेंट महिला को हर 1.5 घंटे में कुछ ना कुछ खाते-पीते रहना चाहिए। चूकी प्रेगनेंसी में तबियत बार-बार बिगड़ती है, मूड बदलता है, कुछ खाने का मन नहीं होता है ऐसे में जब भी खाएं तो हाई कैलोरी फूड ही लें। ताकि एक ही बार में जरूरी पौष्टिक तत्व बॉडी में जा सकें।
प्रियतमा बताती हैं कि प्रेग्नेंट महिला की डाइट में प्रोटीन की भरपूर मात्रा का होना बहुत जरूरी है। इसके अलावा कैल्शियम, विटामिन-डी, फाइबर युक्त भोजन करना चाहिए। प्रेगनेंसी में अमूमन सभी महिलाओं को सुबह उठने में दिक्कत होती है और उठने के बाद तबियत सही नहीं लगती है जिसे साइंस की भाषा में ‘मॉर्निंग सिकनेस’ कहा जाता है। ऐसे में कुछ खाने-पीने का मन भी नहीं करता है। इसलिए सुबह का पहला नाश्ता ऐसा होना चाहिए जिससे इंस्टेंट एनर्जी भी मिले और अधिक से अधिक कालोएरी बॉडी में जाए। चलिए आपको विस्तार से बताते हैं कि प्रेग्नेंट महिला को सुबह के नाश्ते में क्या-क्या खाना चाहिए:
गर्भवती महिला को सुबह के नाश्ते में दूध या दूध से बनी चीजों का जैसे कि दही, छाछ, पनीर आदि का सेवन जरूर करना चाहिए। इन चीजों में कैल्शियम और प्रोटीन की भरपूर मात्रा होती है जो सुबह की मॉर्निंग सिकनेस को तो दूर करती ही है, साथ ही इंस्टेंट एनर्जी भी देती हैं।
प्रेगनेंसी में कई बार कुछ खाने का मन नहीं होता है, एल्किन फल ऐसी चीज है जिसे जरूर खाना चाहिए। यदि फल कहने का मन ना हो तो फलों का जूस पियें। फलों में सेब, संतरा, अनार, मौसमी, आदि फलों को लिस्ट में शामिल करें।
प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम का स्रोत होते हैं साबुत अनाज। इनका नियमित सेवन करने से प्रेग्नेंट महिला की बॉडी में एनर्जी बनी रहती है और जन्म से पहले ही शिशु कई सारी बीमारियों से लड़ने में शारीरिक रूप से सक्षम हो जाता है। अनाज में भी प्रियतमा बताती हैं कि कुछ लोग प्रेगनेंसी में ‘स्प्राउट्स’ खाने पर जोर देते हैं। लेकिन गर्भवती को हमेशा स्टीम किए हुए यानी उबले हुए स्प्राउट्स खाने चाहिए। साधारण स्प्राउट्स खाने से उसके पेट में गैस बन सकती है जो उसे दिन भर परेशान कर सकती है।
यह एक ऐसी चीज है जिसके लिए हर प्रेग्नेंट महिला को सीरियस हो जाना चाहिए। न्यूट्रिशन एक्सपर्ट प्रियतमा के अनुसार प्रेग्नेंट महिला को अधिक से अधिक पानी पीना चाहिए और केवल फिल्टर पानी ही पिये। अगर घर से बाहर जा रही हैं तो अपना पानी साथ लेकर जाएं। केवल गलत पानी पीने के कारण ही हमें अनेकों बीमारियों हो जाती हैं इसलिए गर्भवती को साफ पानी ही पीना चाहिए।
यह एक ऐसी चीज है जिसके लिए हर प्रेग्नेंट महिला को सीरियस हो जाना चाहिए। न्यूट्रिशन एक्सपर्ट प्रियतमा के अनुसार प्रेग्नेंट महिला को अधिक से अधिक पानी पीना चाहिए और केवल फिल्टर पानी ही पिये। अगर घर से बाहर जा रही हैं तो अपना पानी साथ लेकर जाएं। केवल गलत पानी पीने के कारण ही हमें अनेकों बीमारियों हो जाती हैं इसलिए गर्भवती को साफ पानी ही पीना चाहिए।
शरीर में कैल्शियम और कैलोरी दोनों की जरूरत को पोरा करने के लिए रोजाना की डाइट में अंडा शामिल करना चाहिए। और प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए यह एक महत्वपूर्ण आहार है। उबला हुआ अंडा या ऑमलेट दोनों खा सकती हैं।